कमज़ोर अर्थव्यस्था का असर केंद्र के टैक्स-संग्रह पर दिख रहा है। चालू वित्त वर्ष 2019-120 में उसका निवल टैक्स-संग्रह लक्ष्य से 1.13 लाख करोड़ रुपए कम है। इसलिए नए वित्त वर्ष का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। शायद इसीलिए वित्तमंत्री ने सरकारी कंपनियां बेचकर 2.1 लाख करोड़ रुपए हासिल करने का मंसूबा बांधा है, जबकि चालू वित्त वर्ष के 1.05 लाख करोड़ के लक्ष्य में अब तक मात्र 18,094 करोड़ जुटे हैं। अब गुरु की दशा-दिशा…
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