फाइनेंस की दुनिया का सरगना, सरताज़ और शहंशाह है अमेरिका। वहां की हर हरकत से दुनिया भर के वित्तीय बाजार प्रभावित होते हैं। साल 2008 में लेहमान ब्रदर्स से पैदा हुआ संकट समूची दुनिया का संकट बन गया। भारतीय शेयर बाज़ार में सबसे ज्यादा धन अमेरिका से ही आता है। यह अलग बात है कि टैक्स से बचने कि लिए उसका बड़ा हिस्सा मॉरीशस और सिंगापुर में फर्म बनाकर लाया जाता है। देश में जब घरेलू बचत दर घटती और अवाम पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा हो, तब हमारी सरकार भी दोनों हाथ खोलकर ही नहीं, पूरा मुंह फाड़कर भी विदेशी पूंजी को बुलाने में मौज ले रही है। अब सोमवार का व्योम…
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