महंगाई क्यों बढ़ी या घटी, व्यापारी इस चक्कर में कभी पड़ता ही नहीं है। उसे इतना भर पता होता है कि अभी चल क्या रहा है। इसी तरह शेयर बाज़ार के ट्रेडर को कभी इस पर मगज़मारी करनी ही नहीं चाहिए कि ऐसा क्यों या वैसा क्यों है। उसे तो बारीकी से यह जानना चाहिए कि अभी, ठीक इस वक्त बाज़ार में चल क्या रहा है। इसके लिए उसे माइक्रोस्कोप लगाना पड़े या टेलिस्कोप, सब चलेगा। लेकिन अनावश्यक बुद्धिजीवीपना उसके लिए एकदम बेमानी है। उसे तो पल-पल की चाल पर ध्यान देना है, भले ही वो डे-ट्रेडर हो या स्विंग, मोमेंटम या पोजिशनल ट्रेडर। अपने माफिक काम के स्टॉक को चुनने के बाद उसकी नजर इस पर होनी चाहिए कि किसी खास स्टॉक की चाल क्या है, वो कब-कब उठता और कब-कब गिरता है। अब मंगलवार की दृष्टि…
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