पुलिस पीटे तो सही, हम रोकें तो गलत!

भारतीय दंड संहिता या इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) अंग्रेजों ने 1860 में बनाया था। वही कानून अभी तक लागू है। आईपीसी में पुलिस या किसी भी सरकारी अधिकारी (पब्लिक सर्वेंट) को ‘राइट टू ऑफेंस’ है, जबकि आम नागरिक को ‘राइट टू डिफेंस’ नहीं है। दूसरे शब्दों में आम आदमी अगर पुलिस द्वारा पीटे जाने पर आत्मरक्षा में उसका डंडा पकड़ता है तो यह कानून के खिलाफ है। अंग्रेजों ने अपनी सर्वोच्च सत्ता के लिए ऐसा प्रावधान किया था। लेकिन स्वाधीन भारत की सरकारों ने यह प्रावधान क्यों बरकरार रखा है?

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