सरकारी बांडों ने लुभाया, दिनांकित प्रतिभूतियों में 90% ज्यादा निवेश

सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश बढ़ रहा है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह लगभग 18 फीसदी बढ़कर 21,71,022 करोड़ रुपए हो गया है। खासकर यह बढ़त सरकारी की दिनांकित प्रतिभूतियों में होनेवाले सौदों के चलते हुई है जिसमें निवेश लगभग 90 फीसदी बढ़ गया है।

नोट करने की बात यह है कि सरकारी प्रतिभूतियों में बैंक या म्यूचुअल फंड व बीमा कंपनियों जैसी वित्तीय संस्थाएं ही नहीं, व्यक्तिगत निवेशक भी पैसा लगा सकते हैं और धीरे-धीरे यह रुझान दिख रहा है कि एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) इन बांडों में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं।

वित्त वर्ष 2009-10 की आखिरी तिमाही में सरकारी प्रतिभूतियों में हुआ कुल कारोबार 18,41,227 करोड़ रुपए का था। वित्त मंत्रालय ने पब्लिक डेट मैनेजमेंट पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल की पहली तिमाही में वृद्धि खास तौर पर दिनांकित प्रतिभूतियों के चलते हुई है। इनमें निवेश पिछली तिमाही की अपेक्षा 90 फीसदी बढ़ गया है।

बात दें कि सरकारी प्रतिभूतियां रिजर्व बैंक की तरफ से जारी की जाती है। यह सरकार के उधारी कार्यक्रम का हिस्सा होती हैं। इन पर जोखिम या रिस्क शून्य माना जाता है। इसलिए इन पर रिटर्न भी अधिक नहीं होता। लेकिन जो लोग जोखिम नहीं उठाना चाहते, उनके लिए यह निवेश का सबसे सुरक्षित माध्यम है। इनमें निवेश से जुड़ी जानकारी रिजर्व बैंक की वेबसाइट से हासिल की जा सकती है।

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