खुद ही सोचकर समझकर करना निवेश

अक्टूबर में शेयर बाज़ार जब बम-बम कर रहा था, तब किसी को ज़रा-सा भी अदेशा नहीं था कि कुछ महीने बाद ही अच्छी-अच्छी कंपनियों का कचूमर निकलने जा रहा है। लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों को कहीं न कहीं से आभास हो गया था कि आगे बाज़ार इतना सुनहरा व सुहावना नहीं रहेगा। उन्होंने तभी से मुनाफावसूली कर दी। फिर भी हमारे एक्सपर्ट भविष्यवाणी करते रहे कि निफ्टी और सेंसेक्स नई रिकॉर्ड ऊंचाई पकड़ने जा रहे हैं। क्या इसका मकसद निवेशकों की लालच को हवा देना था या ये तथाकथित जानकार खिलाड़ी विदेशी निवेशकों की मिलीभगत में काम कर रहे थे क्योंकि एफआईआई भारी मात्रा में बेचते हैं तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा खरीदार चाहिए? इसीलिए कहते हैं, खुद ही सोचकर समझकर निवेश करें। अब बुधवार की बुद्धि…

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