किसी देश या अर्थव्यवस्था में नीतिगत ब्याज दर क्या है, सरकारी बांडों पर ब्याज की वर्तमान दर क्या है, बैंक कितने ब्याज पर उद्योग जगत को उधार देते हैं और रिटेल व थोक मुद्रास्फीति क्या चल रही है, इनका बड़ा गहरा रिश्ता शेयर बाज़ार समेत कमोडिटी व फॉरेक्स बाज़ार तक से होता है। इनसे देशी मुद्रा की विनिमय दर भी जुड़ी है। इसलिए बाज़ार में कितने डॉलर आएंगे, इससे भी इनका वास्ता होता है तो विदेशी बाजार हमारे यहां कितना असर डालेंगे, इसका भी निर्धारण होता है। ब्याज को धन की लागत कहते हैं। सरकारी बांड की ब्याज दर को अर्थव्यवस्था का रिस्क-फ्री रिटर्न माना जाता है। अब सोमवार का व्योम…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...