व्यक्तियों से आगे बढ़ें तो शेयर बाज़ार असल में संस्थाओं का खेल है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई या एफआईआई) और देशी निवेशक संस्थाओं (डीआईआई) की बाज़ार में अहम भूमिका है। इसके कैश से लेकर डेरिवेटिव सेगमेंट तक में वे हर दिन हज़ारों करोड़ रुपए लगाते हैं। एक बेचता तो दूसरा खरीदता है। यह अलग बात है कि इस साल के शुरू से एफआईआई अमूमन बेच रहे हैं जबकि डीआईआई खरीद रहे हैं। अब देखें गुरु की दशा-दिशा…
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