आखिर शेयर बाज़ार में थोक व रिटेल भाव का कैसे पता लगाया जाए? व्यापार की तरह यहां कोई डिस्ट्रीब्यूटर या होलसेलर तो होता नहीं, जिससे माल थोक में खरीदकर फुटकर ग्राहकों पर बेच दिया जाए और कस्टमर को डिस्काउंट देने के बाद भी जमकर कमा लिया जाए! जाननेवाले जानते ही होंगे कि भरपूर डिस्काउंट देने के बाद भी डी-मार्ट (एवेन्यू सुपरमार्ट) कितना जमकर कमाता है, जिसके मालिक राधाकृष्ण दामाणी शेयर बाज़ार के भी बहुत पुराने उस्ताद हैं और उन्हें ओल्ड फॉक्स कहा जाता है। ऐसे उस्तादों की बात अलग है। लेकिन आम ट्रेडरों के लिए सीधा-सा सूत्र है कि जहां देशी-विदेशी संस्थाएं खरीदना शुरू करें, वह थोक का भाव है और जहां पर वे बेचने लगते हैं, वो रिटेल का भाव हुआ। ये स्तर भावों के चार्ट पर बहुत साफ दिख जाते हैं। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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