फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार इस समय ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार या जीडीपी 3.73 ट्रिलियन डॉलर है। वहीं, हमारे राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) के ताज़ा अनुमान और नए बजट के मुताबिक मार्च 2025 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार या जीडीपी ₹324.11 लाख करोड़ का रहेगा। इसे 86.69 रुपए प्रति डॉलर की विनिमय दर पर निकालें तो यह 3.74 ट्रिलियन डॉलर बनता है। दूसरे शब्दों में अब भी भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पांचवे नंबर पर तो है, लेकिन कभी भी ब्रिटेन से नीचे छठे नंबर पर जा सकता है। नए बजट के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 के अंत में भारत का जीडीपी ₹3.57 लाख करोड़ रह सकता है। तब डॉलर अगर 90 रुपए का रहा तो हमारी अर्थव्यवस्था 3.97 ट्रिलियन डॉलर की होगी जो जापान के जीडीपी 4.39 ट्रिलियन डॉलर से कम रहेगी। इसलिए इस साल पांचवीं से चौथी हो जाने के बजाय हम छठीं अर्थव्यवस्था बन जाएं या तीन-चार साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएं, इससे इस सच्चाई पर कोई फर्क नहीं पड़ता है कि भारत अब भी प्रति व्यक्ति आय में दुनिया का 142वां देश है और मध्यम आय का नहीं, बल्कि गरीब देश है। अब बुधवार की बुद्धि…
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