भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना किसी आर्थिक योजना का नहीं, बल्कि जनता की आकांक्षाओं को भुनाने का एक राजनीतिक छलावा है, जुमला है। हम इसे हासिल भी कर लें तो प्रति व्यक्ति 3472 डॉलर सालाना की मध्यम आय वाला देश ही बने रहेंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके ख्यात अर्थशास्त्री सी. रंगराजन का कहना है कि विकसित व उच्च-मध्यम आय वाला देश बनने के लिए हमारी प्रति व्यक्ति आय कम से कम 13,205 डॉलर सालाना होनी चाहिए जिसके लिए हमारे जीडीपी को अगले दो दशक यानी बीस सालों तक 8-9% सालाना की दर से बढ़ना होगा। ज़मीनी हकीकत यह है कि हमारी अर्थव्यवस्था के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं। भले ही सरकार ने अवाम से टैक्स की हर बूंद निचोड़ने के पुख्ता इंतज़ाम कर लिए हैं। लेकिन आर्थिक विकास दर 4% की ‘हिंदू’ विकास दर के आसपास डोल रही है। अब मंगलवार की दृष्टि…
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