बढ़ता ब्याज और डॉलर के मुकाबले फिसलता रुपया हमारी बहुतेरी कंपनियों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। ब्याज बढ़ने से सबसे पहले प्रभावित हो रहे हैं बैंक और गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां या एनबीएफसी। बैंक पब्लिक से बचत खातों या एफडी वगैरह से ही धन जुटाकर धंधा करते हैं। यह धन उनका कच्चा माल है जो अब महंगा हो गया है क्योंकि पब्लिक को उन्हें अधिक ब्याज देना पड़ रहा है। एनबीएफसी बैंकों से ही उधार लेकर बिजनेस करती हैं। चूंकि बैंकों को खुद अधिक ब्याज देना पड़ रहा तो एनबीएफसी से भी वे ज्यादा ब्याज ले रहे हैं। इस तरह बैंकों के साथ ही एनबीएफसी का मार्जिन घट गया है। इसका नतीजा इनके शेयरों पर दिख रहा है। एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस और एलआईसी हाउसिंग इसके उदाहरण हैं। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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