भारत के पास अपना खुद का विशाल बाज़ार है। साथ ही हमारी 65% आबादी की उम्र 35 साल से कम है। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को तेज़ी से फलने-फूलने के लिए किसी बाहरी सहारे की ज़रूरत नहीं। लेकिन यह भी सच है कि हम अपनी ऊर्जा जरूरतों या साफ कहें तो कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भर हैं जिसमें हमारे जीडीपी का तकरीबन 4% भाग चला जाता है। हमारी अर्थव्यवस्था में कुल निर्यात का हिस्सा तीन साल में 19.91% से घटकर 18.08% ही रह गया है। फिर भी निर्यात नहीं बढ़ा तो विशाल बाज़ार होने के बावजूद हम अच्छा विकास नहीं कर पाएंगे। इतिहास गवाह है कि दुनिया में आज तक कोई भी देश बिना अच्छे निर्यात के एक दशक तक बराबर 7% विकास दर नहीं हासिल कर पाया है। ऐसे में विश्व मंदी के बीच भारत कैसे बढ़ पाएगा? अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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