निफ्टी जब नए शिखर पर पहुंचने के बाद तेज़ी से 20,000 अंक की तरफ बढ़ रहा है, तब सबके दिमाग में एक सवाल तो यह है कि इस मंज़िल के बाद निफ्टी की दशा-दिशा क्या होगी? दूसरा सवाल यह कि जब विश्व अर्थव्यवस्था भारी अनिश्चितता से घिरी हो, अमेरिका से लेकर यूरोप व जापान तक आर्थिक मंदी की आशंका हो, तब भारत कितना अछूता रह सकता है? कॉरपोरेट जगत की मशहूर हस्ती और एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख कहते हैं कि भारत दुनिया से अलग-थलग नहीं है और यहां भी आर्थिक सुस्ती का सामना करना पड़ेगा। यकीनन भारत 3.4 लाख करोड़ डॉलर के मौजूदा स्तर से पांच साल में 7.5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। लेकिन मंदी की आंच इस पर भी आएगी। अब सोमवार का व्योम…
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