इस समय दुनिया भर के शेयर बाज़ारों के लिए मुद्रास्फीति या महंगाई सबसे विकट समस्या बनी हुई है। अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील, भारत व मेक्सिको जैसे 11 प्रमुख देशों में मुद्रास्फीति की दर 6% से ज्यादा चल रही है। इससे निपटने के लिए तमाम देशों के केंद्रीय बैंकों को ब्याज दरें बढ़ानी पड़ रही हैं। अपने रिजर्व बैंक ने तो दो महीने के भीतर दो बार ब्याज दर बढ़ा दी। पहली बार 4 मई को उसने रेपो दर 4% से बढ़ाकर 4.40% कर दी। दूसरी बार 8 जून को सीधे 0.50% बढ़ाकर इसे 4.90% कर दिया गया। रिजर्व बैंक का दावा है कि इससे मुद्रास्फीति पर काबू पा लिया जाएगा। लेकिन साधारण, सामान्य जन पूछते हैं कि आम महंगाई के साथ धन भी महंगा कर देने से मुद्रास्फीति कैसे थमेगी? अब सोमवार का व्योम…
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