सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़ों के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अर्थव्यवस्था 6.8% से 7% बढ़ सकती है क्योंकि बढ़ती मांग से मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में उछाल आ सकता है। लेकिन जो क्षेत्र सितंबर तिमाही में 4.3% सिकुड़ा हो, उसमें अचानक कैसे उछाल आ सकता है? वह भी तब, जब रिजर्व बैंक बराबर ब्याज दर बढ़ाकर मांग घटाने में लगा है! दो दिन पहले बुधवार को ही रिजर्व बैंक ने सांकेतिक ब्याज दर बढ़ाकर 6.25% कर दी। इस साल मई में यह दर 4% हुआ करती थी। ऊपर से मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में बड़ी कंपनियों को कम कॉरपोरेट टैक्स और उत्पादन प्रोत्साहन (पीएलआई) का फायदा मिल रहा है, जबकि लघु व मध्यम कंपनियां कमज़ोर रुपए से महंगे हुए आयात की मार झेल रही हैं। अब शुक्रवार का अभ्यास…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...