सालों-साल से शेयर बाज़ार में घुसनेवाले ज्यादातर ट्रेडर इंट्रा-डे ट्रेडिंग से शुरुआत करते हैं। उनमें न तो लम्बे निवेश का धैर्य होता है और न ही दो-चार दस दिन से लेकर एकाध महीने तक इंताज़ार कर पाने का माद्दा। दिन का दिन में सौदा काटा और निकल गए। आखिर आज का रिस्क कुछ दिन तक क्यों खींचा जाए! इस सोच में कोई समस्या नहीं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकांश इंट्रा-डे ट्रेडर अपना कोई सिस्टम बनाए ट्रेड करते हैं। खास बात यह है कि उनका कोई पक्का स्टॉप-लॉस नहीं होता। शेयर गिर रहा हो स्टॉप-लॉस भी गिराते जाते हैं। इस तरह घाटे के दलदल में घंसते चले जाते हैं और एक दिन अपनी सारी ट्रेडिंग पूंजी गंवा बैठते हैं। फिर ट्रेडिंग का कारवां गुजरता रहता है और वे ठनठन गोपाल बनकर गुबार ही देखते रह जाते हैं। अब सोमवार का व्योम…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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