मौसम चुनाव का, खेल वोटिंग मशीन का

चुनावों का मौसम है। बढ़-चढ़कर दावे किए जा रहे हैं। पक्ष-विपक्ष दोनों नहीं जीत सकते। लेकिन दोनों का दावा कि सामनेवाले का सूपड़ा साफ हो जाएगा। अवाम की भावनाओं को हवा दी जा रही है। शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग भी इसी तरह भावनाओं का खेल है। निवेश के सबसे बड़े गुरु बेंजामिन ग्राहम का मशहूर कथन है कि शेयर बाज़ार छोटे समय में वोटिंग मशीन की तरह काम करता है और लम्बे समय में तराजू का। उनके कहने का मतलब था कि जिस तरह चुनावों में मतदाता की भावनाएं काम करती हैं, उसी तरह छोटे समय के निवेश या ट्रेडिंग में लोगों की भावनाएं निर्धारक होती हैं। ये भावनाएं हैं लालच और भय। वहीं, लम्बे समय में शेयर का भाव क्या होगा, यह केवल और केवल कंपनी की मूलभूत मजबूती से तय होता है। अब देखते हैं सोमवार का व्योम…

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