शेयर बाज़ार दिमागदार शेरों के लिए है, कमज़ोर दिलवालों के लिए नहीं। यहां जो घबराया, समझो गया। जो डरा सो मरा। इसीलिए कहते हैं कि शेयर बाज़ार में अच्छे दिमाग से भी ज्यादा अहम है अच्छा नर्वस सिस्टम। अर्थव्यवस्था में जितना भी नया मूल्य बनता है, उसमें हिस्सेदारी का बाज़ार है यह। यहां लोकतंत्र है बराबर के जानकारों का। पर सूचनाओं और ज्ञान की विषमता इसे भीड़तंत्र बना देती है। देखें, क्या रहेगी आज बाज़ार की दशा-दिशा….
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