दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में महीने में ज्यादा से ज्यादा 20 दिन ट्रेडिंग होती है। शनिवार-रविवार बंद। इसलिए बाज़ार का स्वाभविक चक्र 20 दिन का होता है। महीने के डेरिवेटिव सौदों की मीयाद इन्हीं 20 दिनों की होती है। सारे ट्रेडरों का खरीदना-बेचना इसी हिसाब से चलता है तो 20 दिन का चक्र बन जाता है। इधर अपने यहां ऑप्शन सौदे सप्ताह में सेटल होने लगे हैं तो महीने के भीतर सप्ताह का भी अलग चक्र बन गया। गौर करें तो पाएंगे कि साल के कुछ महीने, महीने के कुछ हफ्ते, हफ्ते के कुछ दिन और दिन के कुछ घंटे ट्रेडिंग के लिए ज्यादा माकूल होते हैं। इनके पीछे कुछ विशेष नहीं, बल्कि बाज़ार में सक्रिय इंसानों और संस्थाओं की सक्रियता का पैटर्न होता है। अब बुधवार की बुद्धि…
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