विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाज़ार से 5 फरवरी से कल, 21 फरवरी तक 14,069.78 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं। यह उनकी मजबूरी है। दरअसल, 2008 के वित्तीय संकट के बाद अमेरिका समेत दुनिया के तमाम केंद्रीय बैंकों ने बांडों के जरिए सिस्टम में भारी भरकम रकम डाली। 2009 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैलेंसशीट 50,000 करोड़ डॉलर थी जो अब 4.2 लाख करोड़ डॉलर की हो गई है। वो इसे घटा रहा है। अब गुरु की दशा-दिशा…
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