अमेरिका में ब्याज दर कम, भारत में ज्यादा। वहां से उधार लो, यहां लगाओ और अंतर से कमाई कर लो। इसे कैश कैरी ट्रेड या आर्बिट्रेज कहते हैं। सवाल उठता है कि क्या टैपरिंग के बाद अमेरिका से डॉलर के निकलकर भारत आने पर नकारात्मक असर पड़ेगा। यकीनन पड़ेगा। लेकिन यह असर इतना कम होगा कि उससे धन के प्रवाह पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। अमेरिका में ब्याज दर अभी 0.25% है। इसे टैपरिंग के दौरान बढ़ाया भी गया तो ज्यादा से ज्यादा 0.40% से 0.50% तक पहुंच सकती है। फिच रेटिंग का अनुमान है कि बार-बार बढ़ाए जाने पर भी साल 2023 के अंत तक अमेरिका में ब्याज की दर 1.75% से ज्यादा नहीं होगी। वहीं, भारत में विदेशी निवेशकों को आराम से सुरक्षित 6.50% ब्याज मिल सकता है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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