मुद्रास्फीति और चढ़ी सरकार के सिर, रंगा बोले: मार्च तक आ जाएगी नीचे

मुद्रास्फीति सरकार और रिजर्व बैंक को मुंह चिढ़ाने से बाज नहीं आ रही है। लेकिन सत्ता शीर्ष पर बैठे सलाहकार यही कहे जा रहे हैं कि रिजर्व बैंक ने अब तक जो किया है, उसे जारी रखा जाना चाहिए। अवाम को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मार्च 2012 तक मुद्रास्फीति घटकर 7 फीसदी तक आएगी।

अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने यही आश्वासन दिया है और कहा कि भले ही दुनिया के देश मौद्रिक नीति को नरम कर रहे हों, लेकिन रिजर्व बैंक को आर्थिक रफ्तार धीमी पड़ने के बावजूद अपना कड़ा रवैया जारी रखना चाहिए। आखिर मुद्रास्फीति पर काबू पाना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। रंगराजन ने यह बात गुरुवार को आर्थिक संपादकों के सम्मेलन में कही।

रंगराजन यह बात तब बोल रहे थे जब सरकार की तरफ से 8 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी हो चुके थे और सबको पता चल चुका था कि खाद्य मुद्रास्फीति फिर से दहाई में पहुंच गई है। खाद्य मुद्रास्फीति ने इससे पहले 20 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान दहाई को पार किया था। ताजा आंकड़ों के मुताबिक सब्जी, फल, दूध और अंडे, दाल व मांस जैसे उत्पादों की कीमतें बढ़ने से 8 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में यह 10.60 फीसदी पर जा पहुंची है। ये सारी चीजें आवश्यक मांग के सामने कम सप्लाई के चलते महंगी हो रही हैं। लेकिन रिजर्व बैंक को धन महंगा कर यानी ब्याज बढ़ाकर मांग घटाने को कहा जा रहा है।

थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति इससे पिछले सप्ताह 9.32 फीसदी पर थी। वहीं साल भर पहले इसी दौरान यह 15.72 फीसदी तर्ज की गई थी। सरकार द्वारा गुरुवार को आंकड़े के मुताबिक 8 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान सब्जियों के दाम सालाना स्तर पर 17.59 फीसदी बढ़े। वहीं, फल 12.39 फीसदा मंहगे हुए जबकि दूध की कीमत 10.80 फीसदी और मांस व मछली की कीमत सालाना स्तर पर 14.10 फीसदी बढ़ गई। दालें 7.42 फीसदी मंहगी हुईं और अनाज की कीमत 4.73 फीसदी बढ़ी।

लेकिन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख रंगराजन का दावा बै कि बेहतर मानसून और आधार प्रभाव के चलते मौजूदा कारोबारी साल के आखिर तक महंगाई दर घट कर सात फीसदी के आसपास रह जाएगी। उन्होंने आर्थिक सम्पादकों के सम्मेलन में कहा, “अगले साल मार्च तक महंगाई दर निश्चित रूप से सात फीसदी पर आ जाएगी।” रंगराजन ने कहा, “मानसून अच्छा रहा है, जिससे कृषि भी अच्छी रहेगी। मुद्रास्फीति में अगले साल के पहले सप्ताह में कमी आएगी।”

उन्होंने कहा, “आधार प्रभाव के कारण भी महंगाई दर में निश्चित रूप से कमी आएगी।” बता दें कि रिजर्व बैंक द्वारा मार्च 2010 से लगातार ब्याज दरों में वृद्धि करने के बावजूद महंगाई दर दहाई अंकों के आसपास बनी हुई है। थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर सितम्बर में 9.72 फीसदी दर्ज की गई।

3 Comments

  1. मार्च तक आ जाएगी नीचे…
    हमने माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन,
    ख़ाक हो जाएँगे हम तुम को ख़बर होने तक ।

  2. कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक ।

  3. आशिक़ी, सब्र,तलब और तमन्ना बेताब,
    कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक ।

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