कॉल-पुट में चित उनकी और पट भी

सारा का सारा बाजार कल यह उम्मीद लगा बैठा था कि निफ्टी आज 5200 के ऊपर खुलेगा। यह अलग बात है कि हमने धारा के खिलाफ जाकर खरीदने के बजाय निफ्टी में बेचने की सलाह दे रखी थी। हुआ यह कि प्री-ओपन सत्र में ही निफ्टी कल से 1.02 फीसदी गिरकर 5086.55 पर पहुंच गया। फिर गिरता-गिरता 5033.95 तक जाने के बाद दिन के अंत में थोड़ा सुधरकर 0.92 फीसदी की गिरावट के साथ 5091.90 पर बंद हुआ।

असल में 5100 पर भारी अंडरराइटिंग हो रखी थी जिसने ऊपर के रुझान का संकेत दिया था। दूसरी तरफ 5200 पर कुछ कॉल राइटिंग भी हुई थी जिसका इशारा था कि बाजार खास दायरे में बंधा रहेगा। हालांकि मुझे लगता है कि इस समय पुट ऑप्शन का अनुपात कॉल ऑप्शन से ज्यादा है। इसलिए बाजार अगले तीन दिनों में 5200 को पार कर जाएगा। रुझान ऊपर जाने का है। पर, उठापटक जारी रहेगी क्योंकि उठापटक के बिना कैश सेटलमेंट को दोहन नहीं हो सकेगा। अंतर जितना ज्यादा, उस्तादों की कमाई उतनी ज्यादा। फिलहाल इस सच को स्वीकार करने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं है।

यह कलाकारी है उन महारथियों की जो कॉल व पुट ऑप्शंस के वोल्यूम के जरिए लोगों को चूसते हैं। दिक्कत यह है कि इस चूसनेवाली व्यवस्था को ही हमारे यहां बाजार प्रणाली बताया जा रहा है। इस सच की रौशनी में आप समझ सकते हैं कि भारत में केवल फ्रॉड किस्म के आईपीओ ही सफल हो सकते हैं, सच्चे आईपीओ नहीं। इसलिए डेरिवेटिव सौदों में जब तक कैश सेटलमेंट चल रहा है, तब तक ट्रेडरों को किसी सलाहकार पर दोष मढ़ने के बजाय खुद अपने रिस्क पर ट्रेड करना चाहिए।

क्रॉम्प्टन ग्रीव्स कल हर सलाहकार की खरीद सूची में शामिल था। दरअसल, बाजार खुलने से पहले ही खिलाड़ियों ने इसे 190 से 240 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ होने की अफवाह फैलाकर खरीदने की कॉल पेश कर दी थी। वहीं, हमने इसे बेचने की सलाह दी थी। और, नतीजे आने के साथ क्रॉम्प्टन का स्टॉक धूल चाटने लगा। अब विदेशी निवेश व ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने कहा कि एनालिस्टों की बैठक के बाद वे ईपीएस को डाउनग्रेड किए जाने की समीक्षा करेंगे। इस स्टॉक में 136 रुपए के भाव पर 40 लाख शेयरों की ब्लॉक डील हुई है, जिसका मतलब है कि इसमें तकलीफ का दौर बीत गया है।

अब माकूल वक्त है जब आपको ऐसे स्तरीय व अच्छे स्टॉक्स खरीद लेने चाहिए। यह लीक या भीड़ से अलग हटकर चलने का सिद्धांत है। जब खरीदने व बेचने में भेड़चाल चल रही हो तब आपको यह रणनीति अपनानी चाहिए। सावधानी यह बरतें कि क्रॉम्प्टन के खरीदे गए शेयरों का 50 फीसदी हिस्सा 10-15 फीसदी बढ़त पर बेच दें ताकि आपकी लागत घटकर 110 रुपए तक आ जाए। इस स्तर पर आपकी खरीद पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगी और आपको दो साल में 100 फीसदी रिटर्न मिल सकता है। यह अलग बात है कि आप लोगों में कितने लोग यह रणनीति अपनाएंगे, यह मैं नहीं, भगवान ही जानता है।

आंध्रा पेट्रो फिर से चर्चा में है। इस पर नजर रखिए। यह 42 रुपए तक पहुंचने जा रहा है। फिलहाल 32.10 रुपए पर है। बॉम्बे डाईंग नए हलके में प्रवेश कर रहा है। अभी 410 रुपए पर। लेकिन इसके 700 रुपए तक पहुंचने की राह खुल गई है। कंपनी काफी ज्यादा प्रीमियम पर क्यूआईपी (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) लाने की तैयारी में है क्योंकि उसे 88 लाख वर्गफुट की अपनी जमीन को डेवलप करने के लिए मोटी रकम चाहिए। मेरा मानना है कि अगले तीन साल में कंपनी के पास इतना धन आएगा कि वो नोट ही गिनती रहेगी। डीएलएफ आज यूं तो 3.34 फीसदी गिरकर 231.20 रुपए पर बंद हुआ है। लेकिन करीब एक महीने से यह बराबर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि यह स्टॉक कम से कम 300 रुपए तक चला जाएगा।

किसी खोज में सबसे बड़ी बाधा अज्ञानता नहीं, बल्कि ज्ञानवान होने का भ्रम है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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