पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीजल की दोहरी मूल्य-नीति को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी समाप्त करने की कोई मंशा नहीं है।
पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने आर्थिक संपादकों के सम्मेलन में पूछे गए सवाल पर कहा कि डीजल पर दोहरी मूल्य-नीति व्यावहारिक नहीं है। हम डीजल की दोहरी मूल्य प्रणाली शुरू नहीं कर सकते हैं। इससे बाजार में दुरुपयोग बढ़ेगा।
पिछले दिनों लक्जरी डीजल कारों के लिए डीजल का बाजार मूल्य रखे जाने का विचार आया था। इस तरफ खुद वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इशारा किया था। बता दें कि तेल विपणन कंपनियां इस समय डीजल को उसकी वास्तविक लागत से 7.06 रुपए प्रति लीटर कम में बेच रही हैं। वर्ष के दौरान कंपनियों को केवल डीजल बिक्री पर ही उन्हें 67,000 करोड़ रुपए की अंडर-रिकवरी होने का अनुमान है। इसकी पूर्ति के लिए सरकार को कुल सब्सिडी 1,21,571 करोड़ रुपए देनी पड़ सकती है।
रेड्डी ने मौजूदा परिस्थितियों में तेल विपणन कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि उन्होंने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर डीजल की बढ़ती खपत पर चिंता व्यक्त की है। विशेषकर डीजल से चलने वाली लक्जरी और एसपीवी की बढ़ती संख्या को लेकर उन्होंने चिंता जताई और ऐसी कारों पर ड्यूटी बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा 15 फीसदी डीजल लक्जरी व्यक्तिगत कारों में खपत हो रहा है।