पानी हमेशा नीचे भागता है और अंततः या तो धरती में सोख लिया जाता है या नदी व समुंदर में समा जाता है। लेकिन धन हमेशा ऊपर उसी तरफ भागता है जहां वह ज्यादा बढ़ सकता है। इस समय मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए अमेरिका समेत तमाम विकसित देश ब्याज दर बढ़ाते जा रहे हैं। इससे वहां के सरकारी बांडों की यील्ड बढ़ गई है और रुपया खोखला होता जा रहा है तो विदेशी निवेशक नौ महीनों से बराबर भारतीय बाज़ार से धन निकालते ही जा रहे हैं। यह अलग बात है कि अपने यहां आम निवेशकों का धन एसआईपी के ज़रिए म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीमों में आता जा रहा है। जून में म्यूचुअल फंडों के पास 15,498 करोड़ रुपए का नया निवेश आया है और निवेशकों ने इस दौरान 18 लाख नए एसआईपी खाते खोले हैं। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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