आर्थिक मंदी की आशंका नहीं निराधार!

अगर हमारे ही नहीं, दुनिया भर के वित्तीय बाज़ारों में वैश्विक आर्थिक मंदी का डर फैला हुआ है तो यह कतई निराधार नहीं है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगले साल 2023 में वैश्विक मंदी आ सकती है। इसकी आशंका इसलिए भी बढ़ जाती है कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला जा रखा है और आगे भी बढ़ाते रहने की बात कही है ताकि मुद्रास्फीति पर काबू पाया जा सके। लेकिन ब्याज दरें बढ़ते रहते पर बिजनेस से लेकर व्यक्तियों तक की मांग काफी घट सकती है तो अर्थव्यवस्था में मंदी से बचा नहीं जा सकता। वैसे तो भारत में आर्थिक मंदी की कोई आशंका नहीं है। लेकिन वैश्विक मंदी का असर तो यहां भी पड़ेगा ही पड़ेगा। बाकी अपने यहां अभी ज्यादा चिंता नहीं है। अब बुधवार की बुद्धि…

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