अमेरिका में अभी तक मुद्रास्फीति का मानक 2% रहा है। लेकिन मार्च में वहां रिटेल मुद्रास्फीति 8.5% पर पहुंच गई। खाने-पीने की चीजों और ईंधन को हटा दें तब भी वहां बची मुद्रास्फीति की दर 6.5% के ऊपर निकलती है। मार्च में भारत में रिटेल मुद्रास्फीति 6.95% और थोक मुद्रास्फीति 14.55% के स्तर पर पहुंच चुकी है। इसे थोड़ा समतल करने के लिए रिजर्व बैंक ने कल ब्याज या रेपो दर 4% से बढ़ाकर 4.40% कर दी। लेकिन अब भी एफडी जैसे माध्यमों पर गुजर-बसर करनेवाले बूढ़े-असहाय लोगों की हालत खराब ही चल रही है। ऊपर से शेयर बाजार की हालत डांवाडोल है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अक्टूबर से जो मुनाफावसूली शुरू की है, वह थमने का नाम नहीं ले रही। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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