सिर्फ भावनाओं से कुछ नहीं हो सकता। लेकिन भावनाओं के बिना भी कुछ नहीं हो सकता। भावनाएं उस लीवर का काम करती हैं जो कम बल से ज्यादा वजन उठाने की क्षमता देता है। भावनाएं ही हमें सक्रिय बनाती हैं। अन्यथा हम यूं ही पड़े रहें।
2012-06-18
सिर्फ भावनाओं से कुछ नहीं हो सकता। लेकिन भावनाओं के बिना भी कुछ नहीं हो सकता। भावनाएं उस लीवर का काम करती हैं जो कम बल से ज्यादा वजन उठाने की क्षमता देता है। भावनाएं ही हमें सक्रिय बनाती हैं। अन्यथा हम यूं ही पड़े रहें।
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