केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के निर्देश के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय ने स्विटजरलैंड के बैंकों में जमा काले धन के बारे में जानकारी देने से इनकार किया है। सूचना आयोग की पूर्ण पीठ ने निदेशालय को इस मुद्दे पर सूचना उपलब्ध कराने को कहा था क्योंकि यह भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय सूचना अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे में नहीं आता। लेकिन भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में जानकारी देना उसकी जिम्मेदारी है।
आटीआई कानून की धारा 24 की दूसरी सूची में गुप्तचर एजेंसियों और अर्धसैनिक बलों सहित अनेक संगठनों को छूट दी गई है। हालांकि, मानवाधिकार उल्लंघन और भ्रष्टाचार से जड़े मामलों में यह छूट लागू नहीं होती। निदेशालय ने वी आर चंद्रन को भेजे जवाब में छूट उपबंध का हवाला देते हुए स्विस बैंकों में जमा काले धन के बारे में सूचना देने से इनकार किया था।
हालांकि सूचना आयोग ने इस तर्क को खारिज कर दिया। सूचना आयोग की पूर्ण पीठ ने अपने आदेश में कहा है, “धारा 24 में ही यह वर्णित है कि मानवाधिकार उल्लंघन और भ्रष्टाचार आरोपों के मामले में यह छूट लागू नहीं होती।” पीठ के अनुसार “हमारे विचार में विदेशी बैंकों में जमा भारतीय धन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जिन सभी मामलों की जांच की है, वे सूची 24 के तहत भ्रष्टाचार के आरोपों की परिभाषा में आते हैं।”
लेकिन इस तरह के स्पष्ट आदेश के बावजूद निदेशालय ने सूचना देने से फिर इनकार किया है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता एस सी अग्रवाल द्वारा भेजे गए सवालों के जवाब में निदेशालय ने कानून में मिली छूट का हवाला देते हुए सूचना देने से इनकार किया है।