हर निवेशक या ट्रेडर रिटर्न का भूखा होता है। विदेशी निवेशक तो खासकर। अमेरिका से लेकर यूरोप व जापान तक के निवेशक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफआईपी) के जरिए भारत से हर साल कम से कम 10-12% रिटर्न कमा रहे हैं जो उनके लिए अपने देश की तुलना में बहुत-बहुत ज्यादा है। वो भी मुद्रा उतार-चढ़ाव के रिस्क को मिटाकर क्योंकि रुपया डॉलर के मुकाबले बराबर 74-75 की रेंज में चल रहा है। विदेशी निवेशकों ने हमारे शेयर बाज़ार में अज़ीब-सा असंतुलन पैदा कर दिया है। अर्थव्यवस्था की हालत खराब है, फिर भी विदेशी धन के प्रवाह के दम पर शेयर बाज़ार कुलांचे मार रहा है। अन्यथा, नियम यही है कि अर्थव्यवस्था बढ़ने पर बिजनेस बढ़ते हैं जिससे कंपनियां और शेयरधारकों का रिटर्न बढ़ता है। अब शुक्रवार का अभ्यास…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...