भारत में ट्रेडिंग और लम्बे निवेश का सही संतुलन ही शेयर बाज़ार से कमाने का सबसे सुसंगत व कारगर तरीका है। यह कोई बुरी बात नहीं है कि कंपनी का शेयर दो-चार दिन या तीन-चार हफ्ते में न बढ़े तो उसमें की गई ट्रेडिंग को लम्बे समय का निवेश बना लिया जाए और चार-पांच साल के लिए किया गया निवेश अगर कुछ हफ्तों या महीनों में ही लक्ष्य भेद दे तो ट्रेडर की तरह उसे बेचकर मुनाफा कमा लिया जाए। मसलन, इस साल 8 मार्च को महिंद्रा एंड महिंद्रा ₹671 की तलहटी पर था जो आठ महीने के भीतर ही 1 नवंबर तक दोगुना से ज्यादा (203.62% ऊपर) ₹1366 पर पहुंच गया। इसे ट्रेडिंग मानें या लम्बे समय का निवेश? शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और लॉन्ग टर्म निवेश का ऐसा संतुलन हासिल करना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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