वित्तीय जगह में नीतियों से लेकर बाज़ार तक भारी उथल-पुथल का दौर चल रहा है। अपने यहां रिजर्व बैंक ने ब्याज दर एक बार फिर 0.50% उठाकर 5.90% पर पहुंचा दी। अमेरिका का फेडरल रिजर्व कई बार ब्याज बढ़ाने के बाद आगे भी बढ़ाते रहने पर आमादा है। शेयर बाजार ऐसी भारी उहापोह में जमकर ऊपर-नीचे होता रहता है। हालत यह है कि दिन में निफ्टी का 200-250 अंक उठना-गिरना आज सामान्य बात बन गई है। ऐसे में रिटेल ट्रेडर के सामने सबसे बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि जब सुबह की तेज़ी शाम तक या इस दिन की तेज़ी अगले एकाध दिन में ही मंदी में बदल जाती है तब वो स्विंग, मोमेंटम या पोजिशनल ट्रेड से कैसे कमा सकता है? क्या उसे ऐसे माहौल में इंट्रा-डे ट्रेडिंग ही करनी चाहिए? इस पर सोच-विचार ज़रूरी है। अब सोमवार का व्योम…
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