मई में अपने यहां थोक महंगाई की दर 30 साल के उच्चतम स्तर 15.88% पर रही है, जबकि रिटेल मुद्रास्फीति 7.04% है। अमेरिका में इसी दौरान मुख्य मुद्रास्फीति की दर 8.6% रही है। अमेरिका इस पर काबू पाने के लिए इस साल ब्याज दर तीन बार में 1.50% बढ़ा चुका है। लेकिन अपने यहां अब भी सरकार अवाम को दुहने में लगी है। गैस सिलिंडर के दाम पहले से बढ़े हुए हैं। उन्हें थोड़ा घटाना मजबूरी थी तो उसने एलपीजी कनेक्शन के ही दाम बढ़ा दिए। सरकार हल्ला मचाती है कि मई में देश का निर्यात 24% बढ़ गया। लेकिन नहीं बताती कि इसी दौरान आयात 59% बढ़ जाने से देश का व्यापार घाटा 15.44 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इससे 78 रुपए का हो चुका डॉलर और भी महंगा हो सकता है। अब सोमवार का व्योम…
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