मूल्य खोज का अंतिम फायदा कंपनियों को होता है। इसलिए वे चाहती हैं कि शेयर बाज़ार में सक्रियता बनी रहे। वे मीडिया पर विज्ञापन से लेकर स्टॉक एक्सचेंजों को लिस्टिंग फीस वगैरह देती हैं। बाज़ार में रोज़ाना के खेल में एक का नफा, दूसरे का नुकसान होता है। अपने यहां विदेशियों से उलट चलती हैं देशी संस्थाएं। इसके दम पर एलआईसी ने 2014-15 में बाज़ार से 24,373 करोड़ रुपए का मुनाफा बटोरा है। अब मंगल की दृष्टि…
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