भारत ही नहीं, दुनिया भर में शेयर, कमोडिटी, फॉरेक्स बाज़ार के तमाम ट्रेडर पिछले भावों का चार्ट देखकर फैसला लेते हैं। लेकिन चार्ट तो सबके लिए समान है, फिर फैसले अलग-अलग क्यों? ऐसी चकरघिन्नी क्यों? एक ही वक्त किसी को मंदी तो किसी को तेज़ी नजर आती है! बात ऐसी भी नहीं कि जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। फर्क है आम तस्वीर के खास संकेतों को पकड़ने का। अब पकड़ें बुध का ट्रेड…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.