निवेश में हम अक्सर दो अतियों की तरफ भागते हैं। या तो एकदम आसान और पका-पकाया रास्ता तलाशते हैं जिसमें हमें कुछ न करना पड़े। बस किसी ने बता दिया और हमने खरीद लिया। बतानेवाला कोई दोस्त, वॉट्स-अप ग्रुप, ब्रोकर, बिजनेस चैनल का एनालिस्ट, अखबार या वेबपोर्टल का कॉलम तक हो सकता है। नहीं तो हम निवेश के एल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के चक्कर में ऐसे उलझ जाते हैं कि समय पर कोई फैसला नहीं करऔरऔर भी