अपने यहां महिलाओं का बहुत बड़ा हिस्सा घर-परिवार चलाने के बेहद ज़रूरी काम में रात-दिन लगा रहता है। लेकिन उन्हें इसका कहीं से कोई भुगतान नहीं मिलता तो इन महिलाओं की गिनती देश की श्रम शक्ति में नहीं होती। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक नए अध्ययन में हिसाब लगाया गया है कि अगर महिलाओं को इस अनपेड काम का भुगतान मिलने लग जाए तो इससे हमारे जीडीपी या अर्थव्यवस्था में लगभग 7.5% का इज़ाफा हो जाएगा।औरऔर भी

सरकार का सर्वेक्षण कहता है कि बीते वित्त वर्ष 2022-23 में देश में 15 साल के ऊपर के सभी भारतीयों की श्रम बल या बाज़ार में भागादारी 54.6% है जिसमें से महिलाएं 31.6% हैं। वहीं, प्रोफेशनल संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) का कहना है कि श्रम बाजार में यह भागीदारी 2022-23 में मात्र 39.5% रही है जो 2016-17 के बाद का न्यूनतम स्तर है। इसमें भी केवल पुरुषों का हिस्सा 66% है, जबकि महिलाओं काऔरऔर भी

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः से लेकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम तक भारत में महिला शक्ति का बड़ा हल्ला है। लेकिन जिस देश में प्रधानमंत्री तक महिला हुई है, अभी वित्त मंत्री और राष्ट्रपति तक महिला हैं, क्या वहां महिलाएं सशक्त हुई हैं और श्रम बाज़ार में उनकी मजबूत भागीदारी है? भारत दुनिया के उन मुठ्ठी भर देशों में शुमार हैं जहां श्रम बाज़ार में महिलाओं की भागीदारी भयंकर गति से घटी है। इस पतन मेंऔरऔर भी

क्लाउडिया गोल्डिन ने अमेरिका ही नहीं, दुनिया के सौ से ज्यादा देशों के डेटा के गहन विश्लेषण से ऐसे तथ्य निकाले हैं जिन्होंने महिलाओं की श्रम भागीदारी के बारे में सदियों से चले आ रहे मिथकों को तोड़ दिया। माना जाता था कि आर्थिक विकास व औद्योगिकीकरण से श्रम बाज़ार में महिलाओं का आना बढ़ता जाएगा। गोल्डिन ने बताया कि हकीकत यह है कि 19वीं सदी में औद्योगिकीकरण से पहले महिलाएं बाहर ज्यादा काम करती थीं। लेकिनऔरऔर भी

इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार हार्वर्ड विश्वविद्यालय की 77 साल की प्रोफेसर क्लाउडिया गोल्डिन को श्रम बाज़ार में महिलाओं की भूमिका की बेहतर समझ विकसित करने के लिए मिला है। पुरस्कार समिति के अध्यक्ष जैकब स्वेनसन का कहना है कि यह समझ समाज के लिए बेहद अहम है और क्लाउडिया गोल्डिन की रिसर्च से हमें उन तमाम कारकों व बाधाओं का गहरा अहसास हुआ है जिन्हें भविष्य में सुलझाने की दरकार है। प्रोफेसर गोल्डिन ने 200औरऔर भी