वही-वही काम करते रहें और सोचें कि उसका पहले से अलग परिणाम आ जाएगा तो ऐसा नहीं हो सकता। कर्म बदलने से ही परिणाम बदलता है। लेकिन पहले ज़रूरी है कि पता चले कि आपके कर्म में कहां गलती है और साथ ही आप उसे दिल से स्वीकार करें। गलती पता भी चल गई और आपने उसे स्वीकार नहीं किया तो कोई नतीजा नहीं निकलेगा क्योंकि ट्रेडिंग तो आखिरकार आपको ही करनी है। अब बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी

आप गलत राह पर हो, इसका गहरा अहसास जितनी जल्दी हो जाए, उतनी ही जल्दी आप वित्तीय बाज़ार की ट्रेडिंग जैसे तमाम कार्यक्षेत्रों में अपने नकारात्मक तौर-तरीकों को सुधार सकते हो। वहीं, अगर आप अपने बजाय हालात में दोष निकालते हैं तो एक तरह से हाथ खड़े कर देते हैं और कहीं न कहीं मान बैठते हैं कि आपके तईं कुछ नहीं हो सकता। तब आप वही-वही गलती दोहराते रहने को अभिशप्त हैं। अब मंगल की दृष्टि…औरऔर भी

आप वो चीज़ बदल नहीं सकते, जिसका आप मुकाबला नहीं कर सकते और जिस चीज़ को आप जानते नहीं, उसका मुकाबला नहीं कर सकते। जीवन स्थितियों को बदलने के दौरान हमें हर दिन कुछ ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह सीधा व सरल नियम वित्तीय बाज़ार की ट्रेडिंग पर भी लागू होता है। बस, यहां बदलने का मतलब बाज़ार को जान और उससे जूझकर अपने माफिक मुनाफा कमाना होता है। अब सोम का व्योम…औरऔर भी

इस साल 15 जनवरी के ऐतिहासिक शिखर से बीएसई स्मॉल-कैप सूचकांक अब तक 20.10% गिर चुका है। फिर भी 103.31 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। यानी, औकात से कम से कम दोगुना महंगा। इसलिए इन कंपनियों के और ज्यादा गिरने की भरपूर गुंजाइश अभी बची है। वैसे, इस गिरावट में कुछ अच्छी कंपनियां भी रपट गई हैं तो गिरने के बाद अब सस्ती भी हो गई हैं। आज तथास्तु में ऐसी ही एक कंपनी…औरऔर भी