शेयर बाज़ार को लेकर हमारी धारणा न जाने कब साफ और व्यावहारिक बन पाएगी। मान्यता है कि लंबे निवेश का आदर्श है कि हमेशा के लिए निवेश। लेकिन निवेश कोई सात जन्मों का बंधन नहीं कि बंधे तो बंध गए। हो सकता है कि कंपनी का दमखम समय के साथ चुक जाए। तब उसके साथ चिपके रहने का क्या फायदा! निवेश के फलने-फूलने के लिए तीन-चार साल काफी होते हैं। अब तथास्तु में एक और संभावनामय कंपनी…औरऔर भी