अंधेरे से उजाला, पारदर्शिता है ज़रूरी

दीपावली पर हम संकल्प लें कि हमें जीवन के हर क्षेत्र में अंधेरे से उजाले की तरफ और अज्ञान से ज्ञान की तरफ जाना है। इसके लिए पारदर्शिता ज़रूरी है। दिन में सूरज का उजाला और रात में स्ट्रीट लाइट नहीं होगी तो रास्ता कैसे दिखेगा! शेयर बाजार में पूरी पारदर्शिता होनी ही चाहिए। कल को एनएसई और बीएसई आंकड़े छिपाने या गलत आंकड़े देने लग जाएं तो भयंकर घोटाला हो जाएगा और लाखों ट्रेडरों का जीवन बरबाद हो जाएगा। शायद आप में से कुछ लोगों को 2012 का लाइबोर (लंदन इंटरबैक ऑफर्ड रेट) स्कैंडल याद होगा। तब तक सारी दुनिया भऱ में विदेशी ऋण की रोज़-ब-रोज़ की ब्याज दरों का यह बेंचमार्क हुआ करता था। लेकिन पता चला कि डॉयचे बैंक, बार्कलेज़, सिटी ग्रुप, जेपी मॉर्गन चेज़ और आरबीएस इसके साथ साल 2003 से ही छेड़छाड़ कर रहे थे और कार्टेल बनाकर लाइबोर को फिक्स कर रहे थे। राज़ खुलते ही सारी दुनिया सन्न रह गई। वित्तीय जगत में अविश्वास फैल गया। फिर भी लाइबोर का जाल इतना फैला था कि इसे खत्म करने में 11 साल लग गए और 30 जून 2023 को इसे पूरी तरफ मिटाया गया। इसकी जगह अब सिक्योर्ड ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट (एसओएफआर) चलने लगा है। अब मंगलवार की दृष्टि…

यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...

Existing Users Log In
   
New User Registration
Please indicate that you agree to the Terms of Service *
captcha
*Required field