हमेशा ध्यान रखें कि जिन भी 15-20-25 कंपनियों में निवेश कर रखा है, उनमें या दूसरे शब्दों में पोर्टफोलियो में कोई कमज़ोर कंपनी न हो। फिर बाज़ार कितना भी गिरता जाए, चिंता की बात नहीं। मूलभूत रूप से मजबूत कंपनियों के शेयर गिर जाएं तो उन्हें और ज्यादा खरीदते जाएं। गिरते बाज़ार का लाभ उठाने का यही तरीका है। गिरावट के माहौल में घबराकर बेचने लगे तो भविष्य में बहुत पछताएंगे। सोशल मीडिया के ‘विद्वानों’ को ज़रा-सी भी न सुनें। जिन्होंने इन ‘विद्वानों’ की सलाह मानकर बीएसई के शेयर 1800-2100 रुपए के भाव पर बेच दिए, उनके दिलों पर आज वही शेयर 5800 रुपए पर पहुंचा देखकर सांप लोट जाता है। वैसे भी शेयर बाज़ार के दीर्घकालिक निवेशकों के लिए, जिन्होंने बीएसई व एमसीएक्स जैसे एक्सचेजों के शेयर सस्ते में पकड़ लिए हैं, वे कभी बेचने के लिए नहीं होते। ये सभी हीरे की तरह सदाबहार, हमेशा के लिए होते हैं। आज के दौर में ज्यादा इक्विटी पर रिटर्न वाली कंपनियां भी खोजना निरर्थक है क्योंकि इनमें से बहुतों का रिटर्न गिरने जा रहा है। इसके बजाय हम ऐसी कंपनियां चुनें जिनका इक्विटी पर रिटर्न आनेवाले सालों में बढ़ सकता है। अर्श से फर्श और फर्श से अर्श। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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