चिंता कल की

कल जो हुआ, सो हुआ। कल क्या होगा, चिंता इसकी है। कारण, करने व सोचने का तरीका एकदम सही होने के बावजूद हम गलत साबित हो सकते हैं क्योंकि हम अतीत को नहीं, बल्कि भविष्य को साध रहे होते हैं और भविष्य में हमेशा रिस्क होता है।

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