सरहद और सरकारों के तंत्र से राष्ट्र नहीं बना करते। बहुमत का हुंकार भी राष्ट्र नहीं बनाता। इसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता। राष्ट्र बनता है दिल से, भरोसे से और साझा समस्याओं की साझा समझ से।
2011-12-06
सरहद और सरकारों के तंत्र से राष्ट्र नहीं बना करते। बहुमत का हुंकार भी राष्ट्र नहीं बनाता। इसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता। राष्ट्र बनता है दिल से, भरोसे से और साझा समस्याओं की साझा समझ से।
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