कुछ लोग कमोडिटी या जिंस बाज़ार को शेयर बाज़ार से जोड़कर देखते हैं। वे भूल जाते हैं कि कमोडिटी बाज़ार में भाव सीधे-सीधे मांग व आपूर्ति के संतुलन से तय होते हैं और इसमें मांग व आपूर्ति की कोई सीमा नहीं होती। वे असीमित हद तक जा सकती हैं। लेकिन शेयर बाज़ार में हर कंपनी के शेयरों की चुकता पूंजी सीमित है। उसकी आपूर्ति नहीं बढ़ाई जा सकती है। मगर, मीडिया में माहौल बनाकर उसके शेयर की झूठी मांग ज़रूर बनाई जा सकती है। इसलिए शेयर बाज़ार में मांग व आपूर्ति में साफ सीधा रिश्ता नहीं होता। मगर कमोडिटी के ज़मीनी ट्रेडर उससे जुड़ी कंपनियों के शेयरों की झूठी मांग का सच बता सकते हैं। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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