विदेशी पोर्टफोलियो/संस्थागत निवेशकों (एफपीआई/एफआईआई) का खेल एकदम सीधा-सरल है। वे अपने देश से नगण्य ब्याज पर धन उठाकर भारतीय बाज़ार में लगाते हैं। इस पर उन्हें 5-6% रिटर्न भी मिल जाए तो ब्याज और जोखिम की भरपाई करने के बाद इतना सुरक्षित मुनाफा कमा लेते हैं जो उन्हें विकसित देशों में कभी नहीं मिल सकता। लेकिन अपनी अंतहीन लालच में उन्होंने भारतीय शेयर बाज़ार को भारतीयों की ही पहुंच से बाहर पहुंचा दिया। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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