सूर्या रोशनी में सब कुछ है। नाम है, धंधा है, ब्रांड है। 1973 में बनी पुरानी कंपनी है। बिजली के नए से नए लैंप व ट्यूबलाइट के साथ ही वह स्टील के पाइप व स्ट्रिप भी बनाती है। प्रबंधन चौकस है। 2009-10 में उसने 1938.93 करोड़ रुपए के कारोबार पर 45.17 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। उसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू अभी 88.71 रुपए है और प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) है 16.23 रुपए। लेकिन शेयरऔरऔर भी

यह दास्तान है एचडीएफसी म्यूचुअल फंड को साल 2007 में 13 अप्रैल से 31 जुलाई के बीच लगाए करीब 2.38 करोड़ रुपए के फटके की। इसमें चार किरदार हैं। एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की संचालक एसेट मैनेजमेंट कंपनी के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट – इक्विटीज निलेश कापडिया, उनके सहपाठी व ट्रेडर राजीव रमणीक लाल संघवी और संघवी से जुड़े दो अन्य ट्रेडर चद्रकांत पी मेहता और दीप्ति पारस मेहता। निलेश जून 2000 से अभी तक एचडीएफसी म्यूचुअल फंड कीऔरऔर भी

यूं तो मुझे टेक्निकल एनालिसिस और उसके आधार पर शेयरों की चाल के बारे में की गई भविष्यवाणियों का कोई सिर-पैर नहीं समझ में आता। लेकिन आज मैं एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की फर्म के चुनिंदा टेक्निकल अनुमान पेश करना चाहता हूं। यह फर्म भारत व चीन पर खास ध्यान दे रही है और भारत में इसका वास्ता निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक से जुड़ी ब्रोकरेज फर्म से है। यह हर दिन अल-सुबह करीब 40-50 शेयरों कीऔरऔर भी

जिंदगी में पहले से ही सब कुछ पता हो तो वह कितनी बोरिंग हो जाएगी? फिर भी हम कल क्या होनेवाला है, इसका पता लगाने में जुटे रहते हैं। यही हाल शेयर बाजार का है। पारदर्शिता कितनी भी बढ़ जाए, पहले से सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है कि कल ठीक-ठीक क्या होनेवाला है, कौन-से शेयर बढ़ेंगे, कौन-से गिरेंगे। जानने की इच्छा के बीच अज्ञात का थ्रिल। इसी भाव से शेयर बाजार को देखिए। अच्छा लगेगा। आज केऔरऔर भी

क्वेंटेग्रा सोल्यूशंस आईटी कंसलटेंसी और सॉफ्टवेयर उद्योग से जुडी कंपनी है। इसका शेयर बीएसई में कल 3.74 फीसदी बढ़कर 12.75 रुपए पर बंद हुआ है। वित्त वर्ष 2009-10 में इसने 40.34 करोड़ रुपए की आय पर 18.08 करोड़ रुपए का घाटा उठाया है। लेकिन जानकारों का कहना है कि कंपनी में काफी संभावनाएं हैं। कंपनी में अभी 140 करोड़ रुपए का छिपा हुआ मूल्य है। इसलिए इस पर दांव लगाया जा सकता है। बस, अभी एक मुश्किलऔरऔर भी

आईओएल नेटकॉम देश में आईपीटीवी (इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन) और वीओडी (वीडियो ऑन डिमांड) सेवा शुरू करनेवाली पहली कंपनी है। आईपीटीवी सेवा वह एमटीएनएल के लिए मुंबई और कोलकाता में उपलब्ध कराती है। वह ब्रॉडबैंड से लेकर म्यूजिक ऑन डिमांड, ई-लर्निंग, ई-कॉमर्स वगैरह में भी अपने पैर फैला रही है। लेकिन इसी सारे विस्तार के बीच उस पर रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की नजर पड़ गई है। बाजार में जबरदस्त चर्चा उठी हुई है कि मुकेश अंबानी टेलिकॉम क्षेत्रऔरऔर भी

जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर का एक रुपए का शेयर अभी बीएसई में 55.35 रुपए और एनएसई में 55.40 रुपए चल रहा है। वित्त वर्ष 2009-10 के नतीजों के मुताबिक उसकी प्रति शेयर कमाई (ईपीएस) महज 4 पैसे है। इस आधार पर उसका पी/ई अनुपात 691.88 निकलता है। फिर भी इसमें तूफान के आसार हैं। एनएसई में कल इसके 30.52 लाख शेयरों में सौदे हुए हैं, जबकि बीएसई में औसत से थोड़ा-सा ज्यादा 4.44 लाख शेयरों में। जानकार बताते हैंऔरऔर भी

स्पाइसजेट पिछले साल 2008-09 में 333.78 करोड़ रुपए के घाटे में थी। अब 2009-10 में उसे 61.45 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ है। अगले दो साल में इसके शुद्ध लाभ में कई गुना वृद्धि का आकलन है। शायद इसीलिए सन टीवी नेटवर्क के मालिक कलानिधि मारन ने इसकी 37.75 फीसदी इक्विटी खरीद ली है। उन्होंने यह  इक्विटी स्पाइटजेट के प्रवर्तक भूपेंद्र कंसाग्रा और अन्य निवेशक विलबर रॉस से खरीदी है। पूरी डील 47.25 रुपए प्रति शेयरऔरऔर भी

देश की सबसे बडी एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने अपने 2.25 करोड़ शेयर, बाजार से वापस खरीदने का फैसला किया है। ये शेयर अधिकतम 280 रुपए के मूल्य पर खरीदे जाएंगे। कंपनी इस बायबैक पर कुल 630 करोड़ रुपए खर्च करेगी। खरीद बीएसई व एनएसई दोनों ही स्टॉक एक्सचेंजों से खुले तौर पर जाएगी। कंपनी का कोई भी शेयरधारक अपने शेयर वापस कंपनी को 280 रुपए तक के भाव पर बेच सकताऔरऔर भी

टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) टाटा समूह की कंपनी है। देश में टिन कोटेड व टिन फ्री स्टील शीट की सबसे बड़ी उत्पादक है। घरेलू बाजार में इसकी हिस्सेदारी 35-40 फीसदी है। कंपनी अपना 20-25 फीसदी उत्पादन निर्यात करती है। कोलकाता में इसका मुख्यालय है। फैक्ट्री जमशेदपुर में है। 85 साल पुरानी नामी कंपनी है। कल बीएसई में इसके शेयरों में जबरदस्त कारोबार हुआ 8.35 लाख शेयरों का, जबकि पिछले दो हफ्ते में औसत कारोबार 1.37औरऔर भी