अगर देश में कल चुनाव हो जाएं तो सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की सीटें अभी की 206 से घटकर 166 रह जाएंगी। इस तरह कांग्रेस को 40 सीटों का नुकसान उठाना पड़ेगा, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी की सीटें अभी की 116 से 20 की बढ़त के साथ 136 हो जाएंगी। यह निष्कर्ष है एसी नीलसन और इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा कराए गए ताजा जनमत सर्वेक्षण का। यह सर्वेक्षण देश के 19 राज्यों में 4 दिसंबर से 19औरऔर भी

अनेक घोटालों पर विपक्ष के हमलों से घिरी सरकार ने एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है जिसमें प्रधानमंत्री समेत लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक लोकपाल बनाने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि सरकार 25 जनवरी से पहले अध्यादेश लाना चाहती है ताकि गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के राष्ट्र के नाम संदेश में इसका उल्लेख हो सके। सूत्रों ने यह भी कहा कि कैबिनेट की गुरुवार कोऔरऔर भी

सीबीआई ने दो दशक से अधिक पुराने बोफोर्स मामले में इतालवी व्यवसायी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि के खिलाफ कार्यवाही वापस लेने का यह कहते हुए बचाव किया है कि उसे आयकर अपीली न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के आदेश के मद्देनजर सरकार से कोई ताजा निर्देश नहीं मिला है। बता दें कि क्वात्रोच्चि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं। मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद यादव के समक्ष जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताऔरऔर भी

बोफोर्स का भूत एक बार फिर कांग्रेस के पीछे पड़ गया लगता है। एक आयकर ट्राइब्यूनल ने कहा है कि होवित्जर तोप सौदे में दिवंगत विन चड्ढा और इटली के व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि को 41 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई थी और ऐसी आमदनी पर भारत में उन पर कर देनदारी बनती है। आयकर अपीली ट्राइब्यूनल ने 98 पृष्ठों के आदेश में कहा कि इस संबंध में निष्क्रियता से यह अनचाही धारणा बन सकती है किऔरऔर भी

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने की मांग पर डटा हुआ है। लोकसभा सचिवालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अब तक संसद ने बेहद महत्वपूर्ण मुद्दों की जांच के लिए चार बार जेपीसी का गठन किया है। 987 में बोफोर्स तोप सौदे में दलाली के आरोपों की जांच के लिए पहली बार जेपीसी गठित की गई थी। इसके बाद हर्षद मेहता घोटाले की जांच के लिए 1992 में, केतन पारेख के घोटालेऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हफ्ते भर पहले की गई अपनी पेशकश को अमली जामा पहनाते हुए सोमवार को बाकायदा लोक लेखा समिति (पीएसी) को एक पत्र भेजकर कहा कि वे 2जी स्पेटक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के सिलसिले में समिति के सामने पेश होने को तैयार हैं। उन्होंने पीएसी के अध्यक्ष और बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी को यह पत्र उस दिन भेजा है, जब नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय भी पीएसी के सामने पेशऔरऔर भी

एक तरफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग पर बीजेपी की अगुआई में विपक्ष संसद से बाहर भी सरकार से भिड़ा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने इस मुद्दे पर विचार और सलाह मांगी है। श्री जोशी ने इस मुद्दे पर सोमवार, 27 दिसंबर को पीएसी की बैठक बुलाई है जिसमें लोगों कीऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने पेश होने को तैयार हैं। उन्होंने कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन के दूसरे व आखिरी दिन अपने संबोधन में कहा कि अगर लोक लेखा समिति उन्हें 2जी स्पेक्ट्रम के बारे में पूछताछ के लिए बुलाती है तो उन्हें उसके सामने पेश होने में खुशी होगी क्योंकि उनके पास छिपाने को कुछ भी नहीं है। अपने शांतऔरऔर भी

यह कहावत तो आप में से बहुतों से सुनी होगी कि सूप बोले तो सूप, चलनियो बोले जिसमें छप्पन हैं छेद। इसी अंदाज में जिसका अघोषित नारा बन गया हो कि हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, उस कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना कि भ्रष्टाचार को कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने रविवार को राजधानी दिल्ली में पार्टी के 83वें महाधिवेशन का उद्घाटन करते हुए कांग्रेसजनों को सादगी व मितव्ययता का पाठ पठाया। उनका कहनाऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिए है कि वे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 2001 से लेकर 2008 तक की अवधि की पूरी जांच करें। इस निर्देश के साथ ही एनडीए और यूपीए दोनों के शासनकाल की दूरसंचार नीतियां अब जांच के दायरे में आ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जी एस सिंघवी और ए के गांगुली की पीठ ने स्पष्ट किया कि जांच में सरकारी खजाने को हुए नुकसानऔरऔर भी