छह साल से मोदी सरकार का एक सूत्रीय कार्यक्रम रहा है ज्यादा से ज्यादा टैक्स जुटाना। नोटबंदी से लेकर बिना तैयारी के जीएसटी लागू करने के पीछे मूल मकसद यही रहा है। घोटाले और बैंक फ्रॉड रुक जाएं, यह उसकी प्राथमिकता नहीं है। लेकिन मध्यवर्ग व व्यापारी तबके से वह टैक्स वसूलने का कोई मौका नहीं चूकती। कोरोना संकटकाल में भी प्रीमियम से लेकर डीमैट खातों तक पर उसकी वक्री-दृष्टि लगी हुई है। अब शुक्र का अभ्यास…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...