भावों की भाषा सीख ली तो खुल जा सिमसिम

अगर वित्तीय बाज़ार का कोई ट्रेडर अखबार या वेबसाइट से मिली किसी जानकारी को लाभ कमाने के मौके में न बदल सके तो उसका पढ़ना निरर्थक है। वैसे, बिजनेस अखबारों या चैनलों पर आई खबर चूसकर फेंक दी गई गन्ने की खोइया जैसी होती है। इसलिए कुछ अनुभवी ट्रेडर कहते हैं कि हमें दस मिनट से ज्यादा समय ऐसे अखबार पढ़ने पर नहीं जाया करना चाहिए। हेडलाइंस देखी और आगे बढ़ गए। वही लेख या समाचार पूरा पढ़ा जिससे हमारे अब तक हासिल ज्ञान में इजाफा होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि शेयर बाज़ार अपने-आप में भावों के ज़रिए बहुत कुछ कहता है। भावों की भाषा सीख ली तो सब पा लिया। अब मंगलवार की दृष्टि…

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